ABOHAR : बच्चों के लिए आज कोई जगह सुरक्षित नहीं है। बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है। इससे बड़ा देश का दुर्भाग्य क्या होगा कि अबोधों के साथ दुष्कर्म की खबरें सुर्खियां बन रही हैं।
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के प्रति कड़े इंतजाम किए गए हैं, लेकिन इसके साथ साथ अभिभावक भी बच्चों की सुरक्षा के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए बच्चों को ऐसी परवरिश व शिक्षा दें ताकि वे जागरूक हों। वे अच्छे और बुरे स्पर्श को पहचान सकें और इस तरह के किसी भी व्यवहार से जुड़े अपने मानसिक अनुभवों को अभिभावकों से साझा कर सकें। मानकर चलें कि आज कोई जगह सुरक्षित नहीं है। कभी बच्चा देर से घर पहुंचे तो इसे हल्के में न लें। यह जानने की कोशिश करें कि कहीं वह आपसे कुछ छिपा तो नहीं रहा। बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें ताकि वह आपको हर बात बता सकें। बच्चों की दिनचर्या पर नजर रखनी ही होगी। अगर बच्चों के साथ कुछ ऐसा हो रहा है तो प्रतिष्ठा की खातिर चुप मत रहिए। तोडि़ए अपनी खामोशी, नहीं तो दरिन्दे बेखौफ हो जाएंगे और बच्चे असुरक्षित होंगे....
*प्रिन्सिपल*
*आधारशिला प्ले वे कान्वेंट स्कूल*
Thursday, 21 September 2017
*अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के प्रति दायित्व को समझते हुए बच्चों को ऐसी परवरिश दें ताकि वे जागरूक हों*
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Public VIEWS/ Bureau
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