Thursday 2 November 2017

*कोहरे वाले दिन बच्चों को स्कूल भेजने से पहले रखें इन बातों का ध्यान*

सर्दी के मौसम के आगाज के साथ ही कोहरे ने ‘कहर’ ढाना शुरू कर दिया है।
ABOHAR : प्रत्येक वर्ष कोहरे के कारण असंख्य हादसे घटते हैं और कई जिंदगियां मौत की आगोश में समा जाती है। कोहरे का सबसे प्रतिकूल असर प्रात: स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों और नौकरी व व्यवसाय पर जाने वाले लोगों पर पड़ता है। ऐसे में हादसों से बचाव हेतु सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। जहां अभिभावकों को प्रात: बच्चों को स्कूल छोडऩे जाते समय सावधानी बरतने की जरूरत है वहीं सभी वाहन चालकों को भी सजग रहना चाहिए।
स्कूली वाहन चालक व अभिभावक इन बातों का रखे ध्यान:
* जहां तक संभव हो कोहरे वाले दिन अभिभावक खुद बच्चों को स्कूल छोड़कर जाएं।
*धुंध के दौरान उच्च बीम पर ड्राइविंग न करे। उच्च बीम प्रतिबिंब बनाते हुए धुंधलापन और बढ़ा देती है जबकि कम बीम धुंध पर रोशनी डालते हुए सही रास्ता दिखाने में मदद करती है।
* वाहन की गति कम रखे और अपने स्पीडोमीटर पर ध्यान दे।
* धुंध दौरान वाहन में लाऊड म्यूजिक न चलाए और आस-पास के यातायात पर नजर रखे।
* सड़क के बीचों-बीच वाहन मत चलाए।
* अपने वाहनों पर रिफलैक्टर जरूर लगवाकर रखे ताकि पीछे से आ रहे वाहन चालक को आगे जा रहे वाहन का पता चल सके।
* खिड़कियां साफ रखे और ड्री-फ्रासटर और विंडस्क्रीन वाइपर्ज का प्रयोग करे।
* इंडीगेटर वाहन मोडऩे से कम से कम 10 सैकिंड पहले दे।
* बिल्कुल भी दिखाई न देने की सूरत में सड़क पर बनी सफेद लाइनों व चिह्नों का सहारा ले।
* ड्राइविंग करते समय सयंम रखे और ओवरटेकिंग करने में जल्दबाजी मत करे।
अभिभावकों को चाहिए कि वह सुबह जल्दी उठकर बच्चों को स्कूल भेजने हेतु तैयारी मुकम्मल करे। सामान्य दिनों के मुकाबले थोड़ा और जल्दी बच्चों को स्कूल छोडऩे के लिए निकलें। रास्ते में वाहनों की रफ्तार धीमी रखें। जल्दबाजी बिल्कुल भी न करे। वाहनों की लाइट जलाकर रखे। बच्चों के स्कूल वैन ड्राइवर को भी सावधानी बरतने की अपील करे। एक बात सदैव याद रखें कि कभी न पहुंचने से बेहतर है थोड़ा देरी से पहुंचना। आपकी जान कीमती है, इसलिए इसके साथ रिस्क कभी मत लें।
*राजीव गुप्ता प्रिंसिपल*
*आधारशिला प्ले वे कान्वेंट स्कूल*

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