Thursday 10 August 2017

एस. सी. डी. सरकारी कॉलेज लुधियाना ने कॉलेज में सर्वप्रथम ‘छात्र परामर्श प्रणाली की स्थापना की और इसके साथ ही बन गया पंजाब का पहला कॉलेज

Ludhiana : (Public VIEWS Bureau) एस. सी. डी. सरकारी कॉलेज लुधियाना ने ‘रिफोकस बिहेवियरल सर्विसेज’ के सहयोग से कॉलेज में सर्वप्रथम ‘छात्र परामर्श प्रणाली (Student Counseling System ) की स्थापना की और इसके साथ ही यह कॉलेज पंजाब का पहला कॉलेज बन गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली के द्वारा देश के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों Student Counseling System की स्थापना अनिवार्य रूप करने को कहा है जो विद्यार्थियों की मानसिक उलझनों को Counseling के माध्यम से दूर करने का कारगर तरीका है और इसके माध्यम से विद्यार्थों के मानसिक स्थिति को स्वस्थ बनाया जा सकता है, परन्तु इस तकनीक को देश के गिने चुने शिक्षक संस्थानों में ही लागू किया गया है. कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. धर्म सिंह संधू ने ‘रिफोकस बिहेवियरल सर्विसेज’ के साथ समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर करने के उपरान्त बड़े ही हर्ष के साथ यह घोषणा की कि यू. जी. सी. के निर्देशों की पालना करते हुए कॉलेजे में Student  Counseling  System  स्थापना निस्संदेह विद्यार्थियों की मानसिक गुणवत्ता को बढ़ाने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. डॉ. संधू ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में अलग अलग चरण में विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसका निवारण करना अति-आवश्यक है परन्तु कई कारणों से वे परेशानियां भविष्य में किसी मानसिक बीमारी का सबब बन सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा मस्तिष्क मुश्किल से अपने एक प्रतिशत ऊर्जा का उपयोग करता है और शेष ऊर्जा व्यर्थ चला जाता है परन्तु   Student  Counseling  System के द्वारा हम इस आंकड़ा को बढ़ा सकते है और इसके साथ व्यक्ति अपने सुनहरे भविष्य की राह को आसानी से पा सकता है. ‘रिफोकस बिहेवियरल सर्विसेज’ के संस्थापक डॉ. डी. जे. सिंह ने यह खुलासा किया कि  इस अभिनव सुविधा का व्यापक उद्देश्य विद्यार्थियों की मनोदशा का अलग-अलग तरीकों से अध्ययन करना, विशेषज्ञ से बातचीत द्वारा और आवश्यकता पड़ने पर Clinical Test के माध्यम से विद्यार्थियों के व्यवहार को समझना है ताकि आज के युवा मस्तिष्क की मानसिक उलझनों को पहचानकर उससे उसे निजात दिलाया जा सके. उन्होंने कहा कि ‘रिफोकस बिहेवियरल सर्विसेज’ की टीम में मनोविज्ञानके क्षेत्र के अनुभवी और प्रशिक्षित सदस्य हैं जो मनोवैज्ञानिक आकलन द्वारा व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम और व्यवहार संसोधन शिविर के माध्यम से विद्यार्थियों के अन्दर आत्मविश्वास भरने और उन्हें सकारात्मक एवं रचनात्मक कार्य में आगे बढ़ने की ओर प्रेरित करेंगे. तत्पश्चात डॉ. तरलोचन सिंह ने Clinical Test की उपयोगिता और इसकी आवश्यकता पर विचार करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे कई विद्यार्थियों का ईलाज किया है जो गंभीर मानसिक बिमारियों का सामना कर रहे हें परतु ऐसे विद्यार्थियों की Counseling  आरंभिक चरण में ही कर लिया जाता तो अवश्य ही ये गंभीर बीमारी तक पहुँचने से बाख सकते थे. अतः आज की जीवन शैली को ध्यान में रख कर देखें तो विद्यार्थी जीवन में ही इस प्रकार की Counseling हो जानी चाहिए ताकि व्यक्ति सही उम्र में अपने मस्तिष्क का सही उपयोग करते हुए  जीवन में अच्छा मुकाम पा सके. डॉ. तरलोचन ने जिस Clinical Test और और तकनीक की बात की उसका जीवंत उदाहरण व्यवहारिक तौर पर श्री रोमिल कपूर ने पेश किया. श्री कपूर ब्रिस्टल विश्वविद्यालय, यू.के. से M.B.A. स्तर की पढ़ाई की है और ‘रिफोकस बिहेवियरल सर्विसेज’ के ब्रांड एम्बेसडर हैं. इन्होने माईंड फ़ोकसिंग तकनीक का सफल प्रयोग कॉलेज के विद्यार्थियों के साथ पूरा किया और करिश्माई ढंग से मन की शक्ति का प्रदर्शन किया.  कॉलेज में Student  Counseling  System की स्थापना के शुभ अवसर पर लुधियाना सिटीज कौंसिल के अध्यक्ष श्री दर्शन अरोड़ा, पैरामाउन्ट ग्रुप के प्रबंधक निदेशक तथा इस कॉलेज के Alumni श्री राकेश कपूर, उप-प्राचार्या डॉ. प्रवीण शर्मा तथा अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे.

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