Saturday 8 July 2017

हिमाचल के तीर्थ स्थलों के हालात दयनीय हालत में? FIB Media Intelligence 

हिमाचल के तीर्थ स्थलों के हालात दयनीय हालत में?

कहां सोये हैं हिन्दु धर्म के ठेकेदार कहलाने वाले लोग?
हिमाचल प्रदेश के विशेष दौरे से लौट कर Dr.Bharat :⇒   Media Intelligence 

मां चामुंडा धाम की व्यवस्था ख़राब , उखड़ी टूटी सड़कों रास्तों पर पैदल चलना मुश्किल , रख रखाव व्यवस्था राम भरोसे , गंदगी का साम्राज्य जिम्मेदार सरकारी अधिकारी और मंदिर प्रबंधक कमेटी सिर्फ अपनी तिजोरी भरने तक सीमित ,मानवता ,धर्म कर्म सब  कूड़े के ढेर में गएहैं  क्या ?
मौजूदा  समय में जब देश विदेश में भारत देश की छवि को उज्वल करना जरुरी हो, और देशी विदेशी सैलानी,  भक्त  भारत के धार्मिक ,ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने हेतु  देश के विभिन्न  क्षेत्रों में आते  जाते हैं, जिससे जहाँ भारत देश की सांस्कृति छवि का निखार होता है  और वहीँ स्थानीय लोगों का जीवन यापन घर परिवार का गुजर बसर पालन होता है। 
      ऐसे में माँ  चामुंडा धाम एक प्राचीन धार्मिक ,ऐतिहासिक स्थान अपना एक अलग महत्व रखता है। पर पिछले एक दो साल से ही इस स्थान पर अव्यवश्था और लापरवाही का शिकार है , सम्बंधित अधिकारी अपनी मनमानी अकर्मण्डयता को गले लगाकर कुम्भकर्णी नींद में मस्त हैं।  मंदिर के अगल बगल की बात दर किनार कजो भक्त यात्री   आगन्तुओं को अपनी तरफ खींचती है वह है सरोवर उद्दान , पहाड़ी नदी में स्नान करने हेतु बनाई गयी सीढ़िया, पर इन दोनों स्थलों पर ?  सरोवर गंदगी का ढेर , सरोवर के गमले ,गार्डन ,उद्दान , कुव्यवस्था , लापरवाही , भ्रष्टाचार , नालायकी  की वजह से  हालात  जर्जर ख़राब , सरोवर के अगल बगल बनी राम , गणेश , शंकर  जी की मूर्तियों   व  अन्य  मूर्तियों की पेंटिंग  उखड़ने की वजह से और कुछ टूटी खंडित मूर्तियों की  हालत खस्ता।जब इस सारे अनियमताओं  के सन्दर्भ में स्थानीय दुकानदारों से बात चीत कर जानकारी लीगयी  तो स्थानीय दुकानदार और होटल वाले भी दुखी  होते हुए  SDM, तहसीलदार ,और प्रबंधक कमेटी  को जिम्मेदार बताया  

     प्राचीन प्रवेश द्धार से लेकर मंदिर के पुराने मुख्यद्वार तक रास्ता जर्जर  और आखिरी सांसे  गिन रहा है। मेन  सड़क  के  मुख्य प्रवेश द्वार से ( जिस गेट को फौजी बटालियन  ने बनवाया )  मंदिर के प्रवेश तक , आगे  लंगर हाल तक  टूटी सर्ड्को  और गड्ढों  की वजह से रास्ता सड़क पर पैदल चलना  आने जाने  वाले  यात्रियों  के पैरों  में चोट और ठोकर खाकर  गिरते यात्री  किसे अपना  दुखड़ा सुनाएँ  

         यात्रियों को आराम  स्नान के लिए  नदी नुमा  आते पहाड़ी पानी  में नहाने के लिए  कभी  पौढ़ी  सीढ़िया  बनायीं गयीं थीं  लेकिन  सीढ़ियां  भी जगह जगह से टूटी  और  गंदगी  से भरपूर।   

ऐसे हालत में मंदिर प्रभंधक कमेटी  जिला प्रशासन सरकारी अनुदान से सौदर्यीकरण कर चार चाँद लगा सकते हैं , पर सौंदर्यीकरण क्या  गंदगी कर्ण  सर चढ़ कर बोलता है। ऐसे गंदगी , कू  व्यवस्था  टूटे   रास्ते , गंदा सरोवर का पानी , जंगल  जैसी  फुलवारी गमले   क्या सम्बन्धित  अधिकारीयों  को दिखाई नही देती , क्या  DM,SDM, तहसीलदार  सब मौज मस्ती  के लिए तैनात है.  क्या  फर्ज के अंधे हो चुके हैं  ऐसे  लोगों को यह सब दिखयी नहीं देता ।   कौन है  इन सब का जिम्मेदार ?अपने आप को हिन्दू धर्म का ठेकेदार  अनुआयी  कहने वालों   अगर  सेवा  सफाई  को देखना है तो  सिख पंथ  और  सिख  गुरद्वारों  की सेवा और सफाई  से शिक्षा लेकर  ऐतिहासिक धर्म स्थलों पर सेवा  की भावना के साथ अपना धर्म निभाएं।   खाली  तिलक  लगा लेने और भगवा रंग धारण करने से कोई सच्चा  भारतीय  सच्चा हिन्दू नहीं हो जाता  कुछ ऐसे ही पाखंडी लोगों से विश्व के प्राचीन और अखिल ब्रह्मांडीय सनातन धर्म  और भारतीय  संस्कृति  का जनाजा  निकलता है। 

      इस सारी अनियमताओं ,कु व्यवस्था  और  लापरवाही  के सन्दर्भ  में  FIB. फर्स्ट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो  की तरफ से  हिमाचल  के मुख्यमंत्री  एंव  काँगड़ा के DM, SDM को विशेष पत्र  भेजते हुए  आवश्यक  उठाने की मांग की है। 

Report By FIB Media Intelligence.

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