Sunday 24 December 2017

मल्टी स्किल डेवलेपमेंट सैंटर का बेहतरीन लाभ ले रहे हैं ग्रामीण विद्यार्थी -मुफ्त पढ़ाई के साथ-साथ आने जाने का खर्चा भी मिल रहा है

-नौजवान प्रशिक्षण ले कर अपने पैरों पर खडे होने को प्राथमिकता देंः डिप्टी कमिश्नर

लुधियाना - गिल सड़क पर स्थित मल्टी स्किल डेवलेपमेंट सैंटर जरूरतमंद प्रशिक्षुओं को कुशल कारीगर बनाने में तो वरदान साबित हो ही रहा है, इसके साथ ही अब ग्रामीण शिक्षार्थियों को मुफ्त पढ़ाई के साथ-साथ आने जाने का खर्चा भी मिलने लगा है, जिसका शिक्षार्थी भरपूर लाभ ले रहे हैं।

संस्था की प्रमुख सुश्री स्वाती ठाकुर और ट्रेनर स. जतिन्दरपाल सिंह ने बताया कि मार्च 2017 में शुरू हुए इस सैंटर में पहले तो सिर्फ शहरी प्रशिक्षुओं के लिए पाठयक्रम शुरू किये गए थे लेकिन पंजाब सरकार की तरफ से मिल रहे लगातार सहयोग और प्रेरणा के चलते अब संस्था में ग्रामीण नौजवानों ( लड़के, लड़कियाँ) के लिए भी पाठयक्रम शुरू किये गए हैं। पहले चरण में नवंबर 2017 महीने से तीन पाठयक्रम ( सिलाई मशीन आपरेटर, कस्टमर केयर एग्जिक्युटिव और कंप्यूटर न्युमैरीकल कंट्रोल) शुरू किये गए हैं। इन तीनों पाठयक्रमों के पहले बैंच में 85 शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण शिक्षार्थी को जहाँ बिल्कुल मुफ्त शिक्षा दी जा रही है, वहीं आने जाने के लिए प्रति दिन 109 रुपए के हिसाब से किराया भत्ता भी दिया जा रहा है। ग्रामीण शिक्षार्थी को उत्साहित करने, किराये  की सुविधा पंजाब स्किल डेवलेपमेंट सैंटर की तरफ से दी जा रही है। यह सुविधा लेने के लिए शिक्षार्थी को 80 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज करनी अनिवार्य है और यह भत्ता सीधा उनके बचत खाते में जमा किया जाता है। संस्था को चलाने वाले ग्राम तरंग की तरफ से शिक्षार्थी को प्रशिक्षण दौरान बस्ता, किताबें, वर्दी और कक्षाओं में टेबलेट भी मुफ्त उपलब्ध करवाए जाते हैं।

उन्होंने बताया कि सैंटर में चल रहे शार्ट टर्म पाठयक्रमों में इंडस्ट्रीयल सिलाई मशीन आपरेटर, असिस्टेंट फैशन डिजाइनिंग, कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट, असिस्टेंट जिम ट्रेनर और फिटर मकैनिकल असेंबली पाठयक्रम शामिल हैं। इसके अलावा कुछ ऐसे कोर्स भी करवाए जाते हैं, जिनमें प्रशिक्षु को फीस भी देनी होती है इनमें कंप्यूटर अकाउंटिंग, अशोक लेलैंड सर्विस टैकनीशियन और फैशन डिजाइनिंग शामिल हैं। इन सभी पाठयक्रमों के लिए शैक्षिक योग्यता 10वीं या 12वीं कक्षा उतीर्ण होनी जरूरी है। लड़कियों के लिए मुफ्त होस्टल की सुविधा भी है जबकि लड़कों का होस्टल भी जल्द ही बन कर तैयार हो जायेगा। इस सैंटर में प्रातःकाल 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रशिक्षण दिया जाता है।

उन्होंने बताया कि अब तक इस सैंटर से करीब 186 शिक्षार्थी प्रशिक्षण ले कर अपने पैरों पर खडे़ होने में सफल रहे हैं, यह पंजाब सरकार की ओर से नौजवानों को कुशल कारीगर बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के शुभ संकेत है। इन शिक्षार्थी में से 110 प्रशिक्षुओं की विभिन्न औद्योगिक इकाईयों में प्लेसमेंट हो चुकी है और वे अच्छा वेतन ले रहे हैं, जबकि बाकी शिक्षार्थियों ने अपने रोजगार या तो शुरू कर लिए हैं या फिर शुरू करने की तैयारी में हैं।

इस सैंटर की अब तक की कारगुजारी पर संतुष्टी व्यक्त करते हुए डिप्टी कमिशनर श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल ने जरूरतमन्द विद्यार्थियों से अपील की है कि वे इस सैंटर से प्रशिक्षण ले कर अपने पैरों पर खुद खडे़ होने को प्राथमिकता दंे। यहाँ से प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षुओं को जहाँ नैशनल स्किल डेवलेपमेंट निगम की तरफ से सर्टिफिकेट दिया जाता है। वहीं विभिन्न कंपनियों के साथ संपर्क करके करके उनकी प्लेसमेंट ( नौकरी) भी करवाई जाती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जो शिक्षार्थी कोर्स करने के बाद अपना रोजगार शुरू करना चाहते हैं, उन्हें पंजाब सरकार के निर्देश पर कर्ज भी मुहैया करवाया जाता है।

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