Tuesday, 20 January 2015

INSIDE STORY: जानें, नूपुर कैसे बनीं केजरीवाल के खिलाफ BJP उम्‍मीदवार

INSIDE STORY: जानें, नूपुर कैसे बनीं केजरीवाल के खिलाफ BJP उम्‍मीदवार


नई दिल्ली. भाजपा ने पार्टी में शामिल होने के पांचवें ही दिन किरण बेदी को सीएम पद का उम्‍मीदवार तो घोषित कर दिया, लेकिन वह उन्‍हें अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए राजी नहीं कर पाई। सोमवार देर शाम जब पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई तो सबसे ज्‍यादा माथापच्‍ची नई दिल्‍ली सीट के लिए उम्‍मीदवार तय करने को लेकर ही करनी पड़ी। पार्टी में पिछले एक सप्‍ताह के भीतर शामिल हुए तमाम चेहरों ने केजरीवाल के खिलाफ लड़ने से इनकार कर दिया और अपनी मर्जी की सीट पर टिकट पाने में कामयाब रहे।

दिल्ली में कड़ी चुनौती बन चुके अरविंद केजरीवाल के खिलाफ उम्मीदवारी तय करने में बीजेपी नेताओं के पसीने छूट गए। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह समेत बड़े नेताओं ने केजरीवाल के खिलाफ कभी उनके करीब रहीं किरण बेदी और फिर शाजिया इल्मी को चुनाव लड़ाने का मन बनाया था। लेकिन बेदी ने केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने से सीधे तौर पर इनकार कर दिया। इल्मी ने यहां तक कह दिया कि वह चुनाव लड़ने के लिए नहीं, बल्कि काम करने के लिए पार्टी में शामिल हुई हैं। आप से टूटकर आए एमएस धीर और अशोक चौहान ने पहले ही नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। जब कोई बड़ा नाम केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ तो भाजपा ने अंतत: नूपुर शर्मा को नई दिल्‍ली से उतारने का फैसला किया।
कौन हैं नूपुर
31 साल की नूूपुर दिल्ली में बीजेपी का युवा चेहरा हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली है और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एलएलएम किया है। वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं। सन् 2008 में उन्होंने एनएसयूआई की सोनिया सापरा को 1700 वोटों से हराया था। इससे पहले छह साल तक लगातार एबीवीपी चुनाव में हार रही थी। फिलहाल नूपुर भारतीय जनता युवा मोर्चा में नेशनल मीडिया सेल की को इंचार्ज हैं। 
केजरीवाल के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारने पर रही असमंजस की स्थिति
नूपुर को नई दिल्‍ली से उम्‍मीदवार बनाने से पहले भाजपा अध्‍यक्ष ने पार्टी उम्‍मीदवारों की सूची में अंतिम समय में बड़े बदलाव करवाए थे। इसके बाद सोमवार रात संसदीय और केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई तो इसमें केजरीवाल के खिलाफ विनोद कुमार बिन्नी को उतारने पर भी चर्चा हुई, पर बिन्नी पटपड़गंज सीट से लड़ने पर ही अड़े थे। कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुईं कृष्णा तीरथ से भी नई दिल्ली सीट पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछा गया। लेकिन उन्होंने सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया और पटेल नगर से ही टिकट दिए जाने की मांग पर अड़ी रहीं। 
प्रदेश इकाई के नेता पर करना पड़ा भरोसा
बड़े चेहरों द्वारा इनकार के बाद भाजपा प्रदेश इकाई से किसी नेता को लाने पर विचार हुआ। इसी दौरान तय हुआ कि पार्टी नई दिल्ली से किसी नए चेहरे को उतारेगी। तब विदेश में पढ़ी नूपुर शर्मा का नाम फाइनल हुआ।

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