Friday, 1 May 2015

हरियाणा का 10 साल का गिरीश बना जयपुर का नया पुलिस कमिश्नर
सिरसा: गुरुवार का दिन 10 साल के गिरीश के लिए जि़न्दगी का सबसे यादगार दिन बन गया। किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे गिरीश की ख्वाहिश थी कि वह बड़ा होकर पुलिस कमिश्रर बने, लेकिन उसकी बीमारी की वजह से उसकी पढ़ाई-लिखाई भी बंद हो गई है। गिरीश की इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उसे एक दिन के लिए जयपुर का पुलिस कमिश्नर बनाया गया। 

जयपुर पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में जब लाल बत्ती लगी सरकारी कार से गिरीश उतरा तो पुलिस के आला अफसरों ने उसे तड़ातड़ सैलूट किए। इसके बाद गिरीश को गार्ड ऑफ़ ऑनर भी दिया गया। दरअसल ये सब काम गिरीश की हसरत को पूरी करने के लिए किया गया। सलामी के बाद गिरीश ने पुलिस कमिश्नर की कुर्सी भी संभाली। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त बिपिन कुमार पाण्डेय ने बताया कि इच्छापूर्ति से बच्चे की सेहत पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आत्मविश्वास के साथ जानलेवा बीमारी से डटकर मुकाबला करेगा और बच्चा शीघ्र ही दिन-प्रतिदिन स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेगा। 

पाण्डेय ने बताया कि सिरसा हरियाणा निवासी गिरीश ने च्मेक ए विश फाउन्डेशनज् की जयपुर शाखा के कार्यकत्र्ताओं को पुलिस आयुक्त बनने की इच्छा जाहिर की थी जिससे वह चोरों को पकड़ सके और शहर की शांति और व्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके। इसकी इच्छापूर्ति को मूर्तरूप प्रदान करने में फाउन्डेशन का पूर्ण सहयोग रहा। इस फाउन्डेशन द्वारा 3 से 18 वर्ष के जानलेवा बीमारी से पीड़ित बच्चों की इच्छापूर्ति की जाती है। पिछले दस वर्षों में संस्था द्वारा दो हजार पांच सौ से भी ज्यादा बच्चों की इच्छायें पूरी की गई है।

गंभीर बीमारी से गुजर रहे गिरीश की इस इच्छा को पूरा करने वाले अफसर भी इस कदम को नई पीढ़ी और पुलिस महकमे के बेहतर रिश्तों और तालमेल की शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। गिरीश को अपनी इच्छा पूरी करने का ये मौका एक सामाजिक संगठन की पहल पर मिला और उसके परिजन भी उसकी इस इच्छा के पूरा होने पर बेहद खुश हैं।

गिरीश की बीमारी के कारण उसका जीवन मुश्किल में है और किसी को नहीं मालूम कि उसका कितना जीवन बाकी है लेकिन इतना जरूर है कि अपनी हसरत को पूरी करने वाले दिन की ये यादें उसको हौसला जरूर देती रहेंगी।

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